गोबिंद सागर झील में टूरिज्म को बढ़ावा: अब मिलेगा गोवा और डल झील जैसा अनुभव
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब नई और रोमांचक सुविधाएं ला रही है। बिलासपुर जिले की गोबिंद सागर झील में अब सैलानी गोवा और श्रीनगर की डल झील जैसा अनुभव कर सकते हैं। यहाँ पर 60 सीटर मिनी शेप्ड क्रूज बोट और शिकारा राइड जैसी सुविधाओं को लाया गया है, जो पर्यटकों के लिए एक नए आकर्षण का केंद्र बन रही हैं।
शुक्रवार को शिकारा राइड का ट्रायल होने जा रहा है, जिसके बाद इसे औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। इसके पहले क्रूज का सफल ट्रायल भी हो चुका है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय होने की उम्मीद है।
गोबिंद सागर झील: क्रूज और शिकारा राइड का अनोखा अनुभव
गोबिंद सागर झील में 60 सीटर मिनी शेप्ड क्रूज बोट और शिकारा राइड की शुरुआत से यहाँ के टूरिज्म को नया आयाम मिलेगा। यह झील अपनी विशालता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। शिकारा राइड में प्रति व्यक्ति 200 रुपये का टिकट होगा, जबकि क्रूज का टिकट 900 रुपये रखा गया है, जिससे सैलानी एक लंबी यात्रा का लुत्फ उठा सकेंगे।
यह क्रूज और शिकारा अनुभव सैलानियों को गोवा के क्रूज और श्रीनगर की डल झील जैसा रोमांचक अनुभव देगा। श्रीनगर में शिकारा राइड की शुरुआत भी 200 रुपये से होती है, जो हिमाचल में सस्ती और आकर्षक राइड के लिए एक प्रेरणा है।
वाटर स्पोर्ट्स की शुरुआत
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में वाटर स्पोर्ट्स का शुभारंभ होगा। गोबिंद सागर झील में कंदरौर से भाखड़ा बांध के 15 किलोमीटर पीछे तक और कोल डैम में हरनोड़ा से तत्तापानी तक 30 किलोमीटर के क्षेत्र में पर्यटक अब विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे। इससे हिमाचल के टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा और यह स्थान एक प्रमुख वाटर एक्टिविटी हब बन जाएगा।
नया फोरलेन रोड: पर्यटन के लिए वरदान
हिमाचल प्रदेश में कीरतपुर से मनाली तक एक नए फोरलेन का निर्माण किया गया है, जिससे अब पर्यटक मनाली के पुराने हाईवे से जाने के बजाय झील के पास से गुजरने वाले इस नए फोरलेन का उपयोग कर सकते हैं। यह नया मार्ग सीधे गोबिंद सागर झील के पास से होकर गुजरता है, जिससे झील के पर्यटन में बढ़ोतरी हो रही है। फोरलेन के खुलने से यहाँ पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा मिल रहा है और अब यहाँ अधिक पर्यटक आने की संभावना है।
सदियों पुराने मंदिर: एक और आकर्षण
गोबिंद सागर झील में बरसात के मौसम के दौरान पानी का स्तर बढ़ने से कई पुराने मंदिर डूब जाते हैं, लेकिन अब मानसून का सीजन खत्म होने के साथ ही यह मंदिर फिर से दिखाई देने लगे हैं। ये मंदिर सदियों पुराने हैं और इनके बाहर आने से यह स्थान एक और आकर्षण का केंद्र बन गया है। सैलानी यहाँ आकर इन मंदिरों की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं और इसके ऐतिहासिक महत्व को जान सकते हैं।
समापन
हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला अब सैलानियों के लिए और भी रोमांचक बन गया है। गोबिंद सागर झील में क्रूज और शिकारा राइड के साथ वाटर स्पोर्ट्स का आनंद लेने का यह मौका न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि बाहरी पर्यटकों के लिए भी खास अनुभव लेकर आया है। ऐसे में अगर आप गोवा और श्रीनगर की यात्रा का अनुभव हिमाचल में लेना चाहते हैं, तो बिलासपुर का यह स्थान आपके लिए आदर्श साबित होगा।